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Showing posts from August, 2020

दूर गांव की सुनो कहानी

दूर गांव की सुनो कहानी हिरो है जिसके साधू सत्तू दो भाईयो की बंद हुई शैतानी क्या करेंगे अभ चिंटू पिंटू चिंटू पिंटू थे दो भाई थे वह दोनो भी बोहत पत्लु रहते थे वह साथ जैसे लगायी हो कोई गोंद चिपकू साथ खेलते थे हमेशा लगोरी कंचे लट्टू मम्मी का था इतना ही सवाल और कितना सताओगे बच्चू? सबसे बडे थे ये दो शैतान काम ना आया कोई नज़र बट्टू उनको सुधारने के प्रयास मै बुलाये गये साधू सत्तू साधू ने किये अनेक प्रयोग काम ना किया कोई काढा कालू थक हार के बताया उपाय ले जाओ इन्हे राजस्थान के घाटू घाटूश्याम के मंदिर पहुचे पिंटू चिंटू और पिताजी पप्पू वहा मिला उन्हे स्वादिष्ट खाना जो बनाते थे महाराज पेटू तीनो मिल्कर खूब खाये बन गये तीनो मोटू अभ कभी वो भाग ना पायेंगे समझ गये थे साधू सत्तू खुशी से झुम उठा सारा गांव जभ शांत हुए चिंटू और पिंटू अभ क्या करूँगा मै मोटा होकर यह सोचते रह गये पिताजी पप्पू

भर ले तू भी अपनी उड़ान

बंद घडी भी दिन मै दौ बार सही वक़्त बताती है, अपना काम वो बंद हो कर भी कर जाती है| अब क्या बहाना है तेरा, ओ परिंंदे? जा भर ले तू अपनी वो उड़ान, आसमान की उचाईया भी तेरा नाम पुकारती है|