दूर गांव की सुनो कहानी

दूर गांव की सुनो कहानी
हिरो है जिसके साधू सत्तू
दो भाईयो की बंद हुई शैतानी
क्या करेंगे अभ चिंटू पिंटू
चिंटू पिंटू थे दो भाई
थे वह दोनो भी बोहत पत्लु
रहते थे वह साथ जैसे
लगायी हो कोई गोंद चिपकू
साथ खेलते थे हमेशा
लगोरी कंचे लट्टू
मम्मी का था इतना ही सवाल
और कितना सताओगे बच्चू?
सबसे बडे थे ये दो शैतान
काम ना आया कोई नज़र बट्टू
उनको सुधारने के प्रयास मै
बुलाये गये साधू सत्तू
साधू ने किये अनेक प्रयोग
काम ना किया कोई काढा कालू
थक हार के बताया उपाय
ले जाओ इन्हे राजस्थान के घाटू
घाटूश्याम के मंदिर पहुचे
पिंटू चिंटू और पिताजी पप्पू
वहा मिला उन्हे स्वादिष्ट खाना
जो बनाते थे महाराज पेटू
तीनो मिल्कर खूब खाये
बन गये तीनो मोटू
अभ कभी वो भाग ना पायेंगे
समझ गये थे साधू सत्तू
खुशी से झुम उठा सारा गांव
जभ शांत हुए चिंटू और पिंटू
अभ क्या करूँगा मै मोटा होकर
यह सोचते रह गये पिताजी पप्पू

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