बोहोत दिनो बाद लिखने की याद आयी है
बोहोत दिनो बाद लिखने की याद आयी है
इस दिल को थंडा करने वजह नई आयी है
बेहते हुए इन आसुओँ को इन अल्फाज़ो से छुपाने कि याद आयी है
बोहत दिनो बाद लिखने की याद आयी है..|
बरसात मे तुम्हारे छीकने कि याद जो आयी है
और मुझपर पानी छिडक कर तुहारी वो मुसकुराहट भी लायी है
बस इस्स बार तुम नहीं हो साथ ये यादेँ बारिश साथ लायी है
अपने दुखो को तुम्हरे हाथो मै ना जोड सकने कि एक नई दूरी साथ लायी है
बोहत दिनो बाद लिखने की याद आयी है......|
तम्हारा मुजपर छोटी बातों पर गुस्सा हो जाना मुजको सताती है
तुमको मानने के लिये एक नया नुस्का बनाने की एक उमंग साथ लायी है,
पर ना देख पाउंगा तुम्हे ये याद मुझे फिर से आयी है
नाकामियाब हो गया मै इसकी निराशा दिल मे बसायी हुई है
बोहत दिनो बाद लिखने की याद आयी है......||
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